न्यूज़ बांग्ला, नयी दिल्ली : हम सब जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकुमत से आजादी मिली, लेकिन आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा और इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे। यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था।
दरअसल 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले जायेंगे। हालांकि स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे।
यही वजह थी कि लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए। हालांकि कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली।
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